Weather News Update: अगर आपको लगता है कि हर साल की तरह इस बार भी मई का महीना सामान्य रहेगा, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जो चेतावनी जारी की है, वह इस महीने को अब तक के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में बदल सकती है। मई के पहले ही सप्ताह में देश के कई हिस्सों में तापमान में उबाल और आसमान से बरसने वाली आफत – दोनों एक साथ देखने को मिल सकती है।
पश्चिम भारत में पड़ी भीषण गर्मी, रिकॉर्ड तोड़ तापमान

अभी अप्रैल का महीना खत्म ही हुआ है और गर्मी ने अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राजस्थान के बाड़मेर में तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले 11 वर्षों में सबसे अधिक है। IMD की रिपोर्ट बताती है कि मई में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
यह तापमान न केवल असहनीय है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक भी है। इतनी भीषण गर्मी में लू लगने, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
लू: एक जानलेवा खतरा
मौसम विभाग की परिभाषा के अनुसार, जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक हो जाए, तो उसे लू (Heatwave) कहा जाता है। मैदानी क्षेत्रों में यह तापमान 40 डिग्री से ऊपर, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री से ऊपर होने पर लू माना जाता है।
इस साल अप्रैल में ही भारत में 72 से अधिक हीटवेव दिनों को दर्ज किया गया है, जो यह दर्शाता है कि मई में गर्मी और भी अधिक कहर ढा सकती है।
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मौसम में अचानक बदलाव: बारिश, आंधी और ओले भी साथ-साथ

एक ओर लू की तपिश से जन-जीवन बेहाल है, तो दूसरी ओर आसमान भी चैन से बैठा नहीं है। IMD के अनुसार, मई के पहले हफ्ते में देश के कई हिस्सों में मौसम करवट बदल सकता है। 2 से 4 मई के बीच राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में तेज बारिश, धूल भरी आंधी और ओलों की संभावना जताई गई है।
यह स्थिति किसानों और आम जनजीवन दोनों के लिए दोहरी परेशानी बन सकती है। जहां तेज गर्मी से फसलें सूखने लगती हैं, वहीं अचानक आई बारिश और ओलों से फसलें बर्बाद होने का भी खतरा है।
बदलते मौसम की असली वजह: जलवायु परिवर्तन
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि भारत में मौसम के मिजाज में जबरदस्त बदलाव आ चुका है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है – ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग – ये सब मिलकर मौसम को असंतुलित बना रहे हैं।
अब Weather News Update में सामान्यता की बजाय असामान्यता नजर आती है, और हर मौसम अलर्ट बनकर सामने आता है।
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खुद को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी एहतियात

मौसम की इस चरम स्थिति में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह खुद को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखे। इसके लिए कुछ जरूरी उपाय अपनाना चाहिए:
- दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें।
- खूब पानी पिएं और नमक-शक्कर वाला ओआरएस या नींबू पानी पिएं।
- बच्चों और बुजुर्गों को ठंडी और हवादार जगहों पर रखें।
- आंधी-बारिश के दौरान खुले मैदान, पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों।
- किसान भाई फसल को बचाने के लिए तिरपाल या नेट की व्यवस्था करें।
निष्कर्ष: मई का महीना बना मौसम की अग्निपरीक्षा
इस बार मई का महीना सिर्फ गर्मी ही नहीं, बल्कि मौसम की दोहरी मार – लू और बारिश के लिए भी जाना जाएगा। इसलिए Weather News Update को नजरअंदाज करना किसी खतरे को न्यौता देने जैसा होगा।
IMD की चेतावनियों को गंभीरता से लें, सावधान रहें, और अपने स्वास्थ्य, फसलों और परिवार की सुरक्षा के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाएं।
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