India Pakistan War Operation Sindoor: भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को ऐसे किया नाकाम

By
On:
Follow Us

India Pakistan War Operation Sindoor: भारत की वायु रक्षा प्रणाली बनी देश की ढाल! भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने एक बार फिर अपनी ताकत और कुशलता का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान द्वारा दागे गए मिसाइलों और ड्रोन हमलों को विफल कर दिया। यह हमला भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी शिविरों को तबाह करने के एक दिन बाद हुआ। ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया था।

ये भी पढ़े: पाक के 15 शहरों पर Drone Attack नाकाम, भारत ने लाहौर में एयर डिफेंस तबाह किया

दो चरणों में हुआ हमला

पाकिस्तानी हमले की पहली लहर 7 मई की रात को शुरू हुई और 8 मई की सुबह तक जारी रही। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान सहित लगभग 15 शहरों के आसपास भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। लेकिन भारतीय वायुसेना की तैयारियों और तकनीकी श्रेष्ठता के आगे यह हमला विफल रहा।

दूसरे हमले की लहर कुछ ही घंटों बाद आई। पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाए गए और पूरे क्षेत्र को ब्लैकआउट में डाल दिया गया। लेकिन इस बार भी भारत की सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराया।

भारत की ‘आयरन डोम’ प्रणाली: कैसे करती है काम?

India Pakistan War Operation Sindoor: भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को ऐसे किया नाकाम
India Pakistan War Operation Sindoor | image Source Google

भारतीय वायुसेना ने इस हमले को नाकाम करने के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट गन, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एकीकृत काउंटर-यूएएस (Unmanned Aerial System) ग्रिड का इस्तेमाल किया। यह ग्रिड ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करता है।

इस प्रणाली में रेडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर का इस्तेमाल होता है जो संभावित खतरों की पहचान करता है। जब कोई खतरा तय हो जाता है तो यह प्रणाली जैमिंग तकनीक या इंटरसेप्टर मिसाइल के ज़रिए उसे रोकती है।

ये भी पढ़े: Operation Sindoor: 100 आतंकियों के सफाए से दहला पाकिस्तान, राजनाथ सिंह ने किया बड़ा खुलासा

S-400: भारत की सबसे ताकतवर रक्षा पंक्ति

India Pakistan War Operation Sindoor: भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को ऐसे किया नाकाम
India Pakistan War Operation Sindoor | image Source Google

भारत ने रूस से खरीदी गई S-400 प्रणाली को तैनात किया है जो 600 किलोमीटर तक के खतरों को पहचान सकती है और 400 किलोमीटर की रेंज में उन्हें खत्म कर सकती है। यह प्रणाली आधुनिक फाइटर जेट्स को भी इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। भारत ने 2018 में 5 स्क्वाड्रन के लिए $5 बिलियन का सौदा किया था।

घरेलू तकनीक: आकाश मिसाइल प्रणाली

भारतीय सेना की स्वदेशी आकाश प्रणाली को ‘भारत का आयरन डोम’ कहा जाता है। यह प्रणाली 50 किलोमीटर की रेंज में एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकती है। इसके ECCM फीचर्स इसे दुश्मन की जैमिंग तकनीक से सुरक्षित रखते हैं।

अन्य सुरक्षा प्रणालियाँ

India Pakistan War Operation Sindoor: भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को ऐसे किया नाकाम
India Pakistan War Operation Sindoor | image Source Google
  • SAMAR: यह शॉर्ट-रेंज सिस्टम 12 किमी की दूरी तक ड्रोन और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को मार गिरा सकता है।
  • S-125 Pechora: 1970 के दशक में भारतीय सेना में शामिल यह प्रणाली आज भी प्रभावी है। यह हेलिकॉप्टर, ड्रोन और फाइटर जेट्स को टारगेट कर सकती है।
  • राफेल और अन्य फाइटर जेट्स: फ्रेंच मेड राफेल और अन्य फाइटर जेट्स इन सभी सुरक्षा प्रणालियों को बैकअप देते हैं, जो भारत की संप्रभुता की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

निष्कर्ष

India Pakistan War Operation Sindoor: पाकिस्तान के दोहराए गए हमलों के बावजूद भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने न केवल हर बार उन्हें नाकाम किया, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि देश हर हवाई खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। चाहे वह मिसाइल हो, ड्रोन हो या कोई अन्य तकनीकी हथियार – भारतीय सेना की परत-दर-परत सुरक्षा प्रणाली आज ‘भारत की असली ढाल’ बन चुकी है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई (India Pakistan War Operation Sindoor) सभी जानकारियाँ सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध रिपोर्ट्स, न्यूज़ स्रोतों (जैसे NDTV आदि) और ट्रेंडिंग विषयों पर आधारित हैं। यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। TrickyKhabar किसी भी प्रकार की सैन्य गतिविधि या संवेदनशील जानकारी की पुष्टि या समर्थन नहीं करता। सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं को राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। सभी स्रोतों को पूरी सावधानी और जिम्मेदारी के साथ प्रस्तुत किया गया है।

ये भी पढ़े:

Leave a Comment