शुबांशु शुक्ला पहुंचे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, Axiom Mission 4 का Dragon Capsule सफलतापूर्वक डॉक हुआ

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नई दिल्ली / हैदराबाद: भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन! भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुबांशु शुक्ला ने Axiom Mission 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक पहुंच बना ली है। SpaceX का Dragon Capsule 26 जून 2025 को दोपहर लगभग 4:01 बजे (IST) पर ISS से जुड़ गया।

यह उपलब्धि भारत को एक बार फिर अंतरिक्ष मानचित्र पर सबसे आगे लेकर जाती है।

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Dragon Capsule- 28 घंटे की ऐतिहासिक यात्रा, अब शुरू होगा वैज्ञानिक सफर

SpaceX का Dragon Capsule Axiom-4 मिशन के चार अंतरिक्षयात्रियों को लेकर 25 जून को दोपहर 12:01 बजे IST पर लॉन्च हुआ था।

  • यह मिशन NASA, Axiom Space, और SpaceX की संयुक्त पहल है।
  • लॉन्च स्थल: Kennedy Space Center, Florida (Launch Complex 39A)

लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद Dragon Capsule ने ISS के Harmony Module से कनेक्शन स्थापित किया।

NASA और Axiom के अनुसार:

  • Axiom: Docking हुआ 3:51 PM IST पर
  • NASA: Docking हुआ 4:01 PM IST पर
    (सम्भवत: टाइमज़ोन डिफरेंस की वजह से रिपोर्ट में अंतर)

कौन हैं मिशन में शामिल अंतरिक्षयात्री?

  1. Peggy Whitson – पूर्व NASA अंतरिक्षयात्री, मिशन कमांडर
  2. शुबांशु शुक्ला – भारतीय वायुसेना के Group Captain
  3. Sławosz Uznański – पोलैंड के ESA अंतरिक्षयात्री
  4. Tibor Kapu – हंगरी के HUNOR प्रोग्राम से चयनित

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Docking प्रक्रिया क्या होती है?

Dragon Capsule का मतलब है — अंतरिक्षयान को ISS से जोड़ना, जब दोनों धरती की परिक्रमा कर रहे हों (28,000 km/h की रफ्तार से)।
Docking के चार चरण होते हैं:

  1. Approach – यान धीरे-धीरे स्टेशन के पास आता है
  2. Alignment – सेंसर व कैमरा की मदद से पोर्ट को लाइन किया जाता है
  3. Soft Capture – लचीले लॉकिंग सिस्टम से पहली पकड़
  4. Leak Test & Pressurisation – लीक जांचकर दबाव सामान्य बनाया जाता है ताकि दरवाज़ा खोला जा सके

Docking सफल होने के बाद अब Dragon Capsule और ISS के बीच का हैच (दरवाज़ा) खोला जाएगा और स्वागत समारोह होगा।

🇮🇳 भारत के लिए क्यों है यह मिशन ऐतिहासिक?

  • 1984 के बाद पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया (राकेश शर्मा के बाद)
  • शुबांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने ISS पर कदम रखा
  • यह मिशन ISRO के Gaganyaan कार्यक्रम के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा
  • शुक्ला पहले “Gaganyatri” हैं जो स्पेस जा चुके हैं — जबकि गगनयान की पहली मानव मिशन 2026 में प्रस्तावित है

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Ax-4 क्यों है खास?

  • Axiom का यह चौथा प्राइवेट स्पेस मिशन है
  • इसमें पहली बार सरकारी और यूरोपियन स्पेस एजेंसियों के नॉमिनेटेड अंतरिक्षयात्री शामिल हुए
  • मिशन का मकसद: 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग, जिनमें माइक्रोग्रैविटी, स्पेस टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य विषयक परीक्षण शामिल हैं
  • क्रू 14 दिन ISS पर बिताएगा
Dragon Capsule

निष्कर्ष

शुबांशु शुक्ला की ये उड़ान केवल एक व्यावसायिक मिशन नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष भविष्य का संकेत है। यह साबित करता है कि भारत अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि वैश्विक स्पेस रेस में एक सक्रिय और निर्णायक खिलाड़ी बन चुका है।

“भारत का पहला Gaganyatri अब स्पेस से दुनिया को देख रहा है — और ISRO के सपनों को असलियत में बदलने में एक कदम और आगे बढ़ा रहा है।”

लेखक: TrickyKhabar Space Desk

तारीख: 26 जून 2025
स्रोत: Axiom Space, NASA, ISRO, SpaceX, Times Now, ANI

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