डिजिटल जंग का नया मोर्चा: Operation Cybershakti! भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बीच अब एक और युद्ध छाया में छिड़ चुका है – और यह युद्ध हो रहा है साइबर स्पेस में। जहां एक तरफ ज़मीनी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के नाम से चल रही है, वहीं दूसरी ओर एक स्वघोषित भारतीय साइबर ग्रुप ‘ऑपरेशन साइबरशक्ति’ के नाम से पाकिस्तान के खिलाफ डिजिटल हमला कर रहा है।
इन हैकर्स का दावा है कि उन्होंने पाकिस्तान की कई अहम वेबसाइट्स को हैक कर लिया है, जिनमें सरकारी, सैन्य और पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी वेबसाइट्स शामिल हैं।
Operation Cybershakti क्या है?
ऑपरेशन साइबरशक्ति एक कथित भारतीय हैकर मिशन है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की डिजिटल संरचनाओं को नुकसान पहुंचाना है। इस ग्रुप ने अब तक कई तरह के साइबर हमलों का दावा किया है, जिनमें शामिल हैं:
- सॉफिस्टिकेटेड फिशिंग अटैक
- डेटा ब्रीच
- वेबसाइट डिफेसमेंट
- सर्वर एक्सेस
- CCTV नेटवर्क हैकिंग
इन साइबर हमलों के तहत पाकिस्तान के कारागार विभाग, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज, बिजली संयंत्रों और बैंकिंग ट्रांजेक्शन डेटा तक अवैध रूप से पहुंच बनाई गई है। ग्रुप का दावा है कि उन्होंने 700+ वेबसाइट्स को डाउन किया है और 1000 से अधिक CCTV कैमरों को हैक किया है।
दावों की सच्चाई क्या है?

हमने रिपोर्ट लिखते समय कुछ प्रमुख पाकिस्तानी वेबसाइट्स की जांच की, जिनके बारे में दावा किया गया था कि वे काम नहीं कर रहीं। सच में, भारत, सिंगापुर और अमेरिका से की गई टेस्टिंग में ये वेबसाइट्स अनएक्सेसिबल पाई गईं।
इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ऑपरेशन साइबरशक्ति का दावा पूरी तरह झूठा नहीं है। हालांकि, इन सभी गतिविधियों की सरकारी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन डिजिटल हलकों में यह एक सीरियस साइबर वार के रूप में देखा जा रहा है।
साइबर जंग का दूसरा पक्ष: पाकिस्तान की तरफ से हमला

पाकिस्तान की ओर से भी साइबर हमलों की शुरुआत अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद तेज़ हो गई थी। पाकिस्तानी हैकर ग्रुप्स जैसे कि Pakistan Cyber Force ने दावा किया कि उन्होंने भारत के रक्षा संस्थानों जैसे Military Engineer Services (MES) और Manohar Parrikar Institute of Defence Studies and Analyses (MP-IDSA) से संवेदनशील डेटा चुराया है।
उनका दावा है कि उन्होंने 10 GB से अधिक डेटा चुराया, जिसमें सैनिकों के नाम, सेवा संख्या, ईमेल आईडी आदि शामिल हैं। इससे स्पीयर फिशिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट जैसी गंभीर साइबर समस्याओं की आशंका बढ़ गई है।
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ये तो सिर्फ पहला चरण था!

Operation Cybershakti से जुड़े लोगों ने एक ऑनलाइन मैसेज के ज़रिए चेतावनी दी है कि:
“ये तो बस शुरुआत है – अगला चरण और भी बड़ा होगा।“
इस बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में साइबर वॉर और तेज़ हो सकती है, और दोनों देशों की डिजिटल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
निष्कर्ष
Operation Cybershakti जैसी घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि अब युद्ध केवल हथियारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डिजिटल दुनिया भी अब एक युद्धभूमि बन चुकी है। हालांकि इन दावों की पूरी पुष्टि सरकारी स्तर पर नहीं हुई है, लेकिन अगर ये सच हैं, तो यह एक गंभीर चेतावनी है – न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि साइबर सुरक्षा की वैश्विक जिम्मेदारी के लिए भी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें उल्लिखित किसी भी समूह, कंपनी या गतिविधि का प्रचार नहीं किया जा रहा है। TrickyKhabar का किसी साइबर समूह या अभियान से कोई संबंध नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी प्रकार के दावे की पुष्टि स्वतंत्र रूप से करें।
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Raj Prajapati is a Dynamic and results-driven Computer Science student & dedicated content writer at Trickykhabar, specializing in automobiles, entertainment, gadgets, and sports. With a keen eye for trending topics and a passion for detailed research.