आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिर्फ चैटबॉट्स या रोबोट तक सीमित नहीं है। अब यह टेक्नोलॉजी हमारे दिल की धड़कनों को भी समझ रही है – और वो भी इतने पहले कि हार्ट अटैक आने से 5 साल पहले ही खतरे का अलर्ट दे रही है। अमेरिका में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एडवांस्ड तकनीक विकसित की है, जो भविष्य में दिल के दौरे की संभावना को 95% तक सटीकता के साथ पहचान सकती है। आइए जानते हैं इस इनोवेशन के बारे में विस्तार से।
AI कैसे कर रहा है हार्ट अटैक की भविष्यवाणी?
अमेरिका के Cedars-Sinai Medical Center के शोधकर्ताओं ने एक AI-based Diagnostic Tool तैयार किया है जो दिल की धमनियों में मौजूद Inflammation (सूजन) को स्कैन करके ये पहचानता है कि आने वाले वर्षों में हार्ट अटैक का खतरा कितना अधिक है।
इस AI को हज़ारों पेशेंट्स के Cardiac CT स्कैन से ट्रेन्ड किया गया है, जिससे यह सूक्ष्म स्तर पर उन पैटर्न्स को पहचान लेता है जिन्हें पारंपरिक स्कैनिंग से पकड़ पाना मुश्किल होता है। इस AI मॉडल को FAT Attenuation Index (FAI) के साथ एकीकृत किया गया है, जो हार्ट के चारों तरफ की वसा में हो रहे बदलावों को मापता है।
Clinical Trials में शानदार Accuracy

Cedars-Sinai द्वारा की गई 40,000 से अधिक रोगियों पर स्टडी के मुताबिक, यह प्रणाली:
- हार्ट अटैक के जोखिम को 5 साल पहले तक सटीकता से पकड़ सकती है
- 95% मामलों में early-stage heart disease को detect कर सकती है
- Non-invasive CT scan से काम करती है यानी किसी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती
अमेरिका में कब और कैसे होगी यह तकनीक लागू?
यह तकनीक फिलहाल अमेरिका के कुछ बड़े हॉस्पिटल्स में pilot phase पर चल रही है, जैसे:
- Cedars-Sinai Medical Center
- Johns Hopkins Hospital
- Mayo Clinic
2026 तक इस AI diagnostic system को अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम में बड़े स्तर पर FDA Approval के बाद इंटीग्रेट किया जा सकता है।
भारत के लिए क्या है इसका मतलब?
भारत में हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक से जान गंवाते हैं, और उनमें से अधिकतर को पहले से कोई चेतावनी नहीं मिलती। अगर अमेरिका की यह तकनीक भारत में आती है, तो यह Preventive Cardiology के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
हालांकि इसकी कीमत, इंफ्रास्ट्रक्चर और डॉक्टरों की ट्रेनिंग जैसे कई पहलू हैं जिन्हें देखने की ज़रूरत होगी, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ए आई अब दिल की सुरक्षा के लिए भी सबसे बड़ा हथियार बनने जा रहा है।
निष्कर्ष
AI अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने वाला टूल बनता जा रहा है। अमेरिका में विकसित यह नई प्रणाली अगर भारत में भी सही तरीके से इंटीग्रेट की जाए, तो लाखों जानें बचाई जा सकती हैं। 5 साल पहले हार्ट अटैक का अलर्ट देना – यह अब साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि रियलिटी है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी शोध और प्रमाणित रिपोर्ट्स पर आधारित है। यह किसी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। हार्ट संबंधी किसी भी लक्षण या समस्या के लिए कृपया योग्य डॉक्टर से परामर्श लें।
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राज प्रजापति, TrickyKhabar.com के संस्थापक और CEO हैं। वे एक अनुभवी कंटेंट राइटर भी हैं, जो टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एंटरटेनमेंट और डिजिटल ट्रेंड्स पर रिसर्च-बेस्ड, सरल और यूज़र-फ्रेंडली लेख लिखते हैं। राज का मानना है कि खबरें तभी असरदार होती हैं जब वे सटीक, साफ़ और समझने लायक हों। पिछले 3+ वर्षों से वे SEO और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं।