Israel-Iran Conflict: 13 जून 2025 की रात को जब दुनियाभर में लोग सो रहे थे, तब इस्राइल के लड़ाकू जेट और ड्रोन चुपचाप ईरानी एयरस्पेस में प्रवेश कर चुके थे। लेकिन यह कोई आम हमला नहीं था। इस बार युद्ध का संचालन इंसानी कमांडर नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर रहा था — जो रीयल टाइम में निर्णय ले रहा था, टारगेट सेट कर रहा था और हमलों की टाइमिंग तय कर रहा था।
इस्राइली एजेंसियों ने सैटेलाइट इमेज, इंटरसेप्टेड सिग्नल्स और ह्यूमन इंटेलिजेंस को मिलाकर AI एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म में फीड किया। उसी AI ने ड्रोन की फ्लाइट पाथ तय की और हमले के टाइम को माइक्रोसेकंड तक मैनेज किया। यह जासूसी और टेक्नोलॉजी का ऐसा मिश्रण था, जिसने परंपरागत युद्ध की परिभाषा ही बदल दी।
ये भी पढ़े: WhatsApp Ads 2025: अब Status और Channels में दिखेंगे विज्ञापन, जानिए Meta की नई चाल
AI अब कर रहा है टारगेट सिलेक्शन – और इंसान सिर्फ ट्रिगर दबा रहे हैं

एपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल अमेरिकी AI कंपनियों जैसे Microsoft और OpenAI के मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहा है ताकि लाइव जंग के दौरान इंटरसेप्टेड कम्युनिकेशन, सैटेलाइट फीड और अन्य डेटा को प्रोसेस कर सकें।
यह AI इंसानों को यह सजेस्ट करता है कि कौन टारगेट होना चाहिए – यानी कौन दुश्मन है, कौन नहीं। अंतिम निर्णय अभी भी इंसान ही लेते हैं, लेकिन चयन AI करता है। सोचिए, एक ऐसा AI जो पहले ऑफिस ईमेल लिखने और एक्सेल शीट समझने के लिए बना था – अब वह जंग के मैदान में जान-माल का फैसला ले रहा है।
ये भी पढ़े: Gold Price Today: सोने की कीमतों में भारी गिरावट! 17 जून को 24 कैरेट गोल्ड पहुंचा ₹10,037 पर
Israel-Iran Conflict: AI और Stuxnet – एक पुराना रिश्ता जो और खतरनाक हो गया है

2010 में Stuxnet नामक एक साइबर वॉर्म ने ईरान के न्यूक्लियर सिस्टम को तबाह कर दिया था। यह पहली बार था जब कोई डिजिटल कोड फिजिकल नुकसान पहुँचा सका।
आज के AI बेस्ड साइबर ऑपरेशन्स उसी आइडिया पर आधारित हैं – जैसे खुद को अपडेट करने वाला कोड, जो अटैक के दौरान खुद को ढाल सके।
वायर्ड मैगज़ीन की रिपोर्ट बताती है कि AI द्वारा संचालित साइबर ऑपरेशन्स जैसे की पावर ग्रिड डिसरप्शन, फेक न्यूज स्प्रेड और इलेक्ट्रॉनिक जासूसी – सभी Stuxnet की टेक्नोलॉजी से प्रेरित हैं।
ये भी पढ़े: Reliance Jio Down: इंटरनेट और कॉल सेवाएं ठप, हजारों यूजर्स परेशान — कंपनी ने दी सफाई
आने वाला कल: AI से चलती जंग, इंसानी निर्णय को कर रही चुनौती

आज की जंग में AI सैनिकों की जगह नहीं ले रहा, लेकिन वह यह तय कर रहा है कि सैनिक क्या देखें, कब देखें और क्या निर्णय लें। यह टेक्नोलॉजी इंसानी सोच और कार्रवाई के बीच की दूरी को लगभग मिटा रही है।
इस्राइल-ईरान की ongoing conflict ने यह दिखा दिया है कि भविष्य की जंग AI से संचालित होगी – और वह भविष्य अब हमारी आंखों के सामने आ चुका है।
यह टेक्नोलॉजी स्मार्ट है, सटीक है, लेकिन डरावनी भी है। जब युद्ध का निर्णय एल्गोरिद्म लेने लगे, तो इंसानियत की भूमिका कितनी बचेगी?
निष्कर्ष
Israel-Iran Conflict: AI अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, यह रणनीति है। यह जंग के मैदान में नई रफ्तार, नई सोच और एक नई दिशा ला रहा है। लेकिन सवाल यह भी है — जब मशीनों को युद्ध का निर्णय लेने की शक्ति दे दी जाती है, तो क्या हम नियंत्रण में हैं या वह हम पर नियंत्रण कर रही हैं?
ये भी पढ़े:
- हर गांव में दिखती JCB का असली नाम क्या है? 99% लोग नहीं जानते!
- Supreme Court का बड़ा फैसला: अब रजिस्टर्ड सेल डीड के बिना नहीं मिलेगा प्रॉपर्टी का मालिकाना हक
- Monsoon Alert: 11 से 15 जून तक इन राज्यों में होगी मूसलधार बारिश, 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

Raj Prajapati is a Dynamic and results-driven Computer Science student & dedicated content writer at Trickykhabar, specializing in automobiles, entertainment, gadgets, and sports. With a keen eye for trending topics and a passion for detailed research.