Indore Ring Road Project: इंदौर जिले में प्रस्तावित पश्चिमी रिंग रोड (Indore Western Ring Road) को लेकर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अब तेज़ हो गई है। प्रशासन और किसानों के बीच मुआवजे को लेकर बनी सहमति के बाद अब जमीन के सर्वे कार्य को गति दी जा रही है। सबसे पहले हातोद तहसील के 12 गांवों की 164.88 हेक्टेयर निजी भूमि का सर्वे तीन दिनों में पूरा कर लिया गया है। अब यह प्रक्रिया देपालपुर और सांवेर तहसील के 14 अन्य गांवों में की जाएगी।
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क्यों है यह Indore Ring Road Project महत्वपूर्ण?
64 किलोमीटर लंबी पश्चिमी रिंग रोड परियोजना का उद्देश्य इंदौर से पीथमपुर तक एक वैकल्पिक, तेज़ और सुरक्षित यातायात मार्ग प्रदान करना है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच भी आसान हो जाएगी।
तीन तहसीलों की भूमि प्रभावित
पश्चिमी Indore Ring Road Project के लिए कुल 570.56 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 472.06 हेक्टेयर निजी और 98.49 हेक्टेयर शासकीय भूमि है। यह सड़क हातोद, सांवेर और देपालपुर तहसीलों के कुल 26 गांवों से होकर गुजरेगी।
तहसील | प्रभावित किसान | प्रभावित भूमि (हेक्टेयर) |
---|---|---|
सांवेर | 512 | सर्वाधिक प्रभावित |
हातोद | 333 | सर्वे पूरा |
देपालपुर | 153 | सर्वे आगामी चरण में |
किसानों को मिलेगा दोगुना मुआवजा
इस परियोजना की विशेष बात यह है कि इसमें किसानों को नई गाइडलाइन के तहत दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले भूमि अधिग्रहण में असहमति के कारण कार्य रुका हुआ था, लेकिन अब किसानों की सहमति मिलते ही सर्वे शुरू हो गया है।
हातोद तहसील में सर्वे की स्थिति:
- कुल प्रभावित भूमि: 174.34 हेक्टेयर
- निजी भूमि: 164.88 हेक्टेयर
- शासकीय भूमि: 9.45 हेक्टेयर (सर्वे पहले ही पूरा)
राजस्व विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों की निगरानी में यह सर्वे किया गया। अब देपालपुर और सांवेर तहसीलों की 307.18 हेक्टेयर भूमि का सर्वे किया जाएगा।
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जानिए कितने किसान होंगे प्रभावित

- कुल किसान: 998
- मुख्य सड़क के लिए: 864 किसान
- अतिरिक्त सड़क के लिए: 134 किसान
इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित किसान सांवेर तहसील से हैं, जिनकी संख्या 512 है। इसके बाद हातोद से 333 और देपालपुर से 153 किसान शामिल हैं।
अधिकारी का बयान
रवि वर्मा, एसडीएम हातोद ने बताया,
“तीन दिन में हातोद के 12 गांवों की भूमि का सर्वे पूरा किया गया है। यह कार्य एनएचएआई और राजस्व विभाग की टीम की निगरानी में सम्पन्न हुआ।”
अब अगला चरण: देपालपुर और सांवेर
अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का अगला चरण देपालपुर और सांवेर में शुरू होने वाला है, जहां 14 गांवों की 307.18 हेक्टेयर जमीन का सर्वे किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि किसानों को उचित और पारदर्शी मुआवजा दिया जाएगा, ताकि भूमि अधिग्रहण में कोई विवाद न हो।
निष्कर्ष
पश्चिमी Indore Ring Road Project अब अपने भूमि अधिग्रहण के निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है। किसानों को उचित मुआवजा और पारदर्शी प्रक्रिया के चलते यह परियोजना समय पर पूरी होने की उम्मीद है। यह सड़क इंदौर के भविष्य के यातायात और औद्योगिक विकास के लिए बेहद अहम साबित होगी।
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