Territorial Army: नई दिल्ली– भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर एक कड़ा संदेश दिया है – “हम अपने आसमान पर पूरा नियंत्रण रखते हैं।” रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारत का यह सख्त रुख केवल एक जवाब नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अब देश की वायु सीमा में घुसपैठ की कोई भी कोशिश असंभव है।
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दो बड़े हमलों को वायु सेना ने किया विफल
पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में स्थित भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए दो बार मिसाइल और ड्रोन अटैक किए गए।
पहला हमला 7 मई की रात को तब हुआ, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इसके कुछ ही घंटों बाद पाक की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई।
लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पहले हमले को ही नहीं, बल्कि कुछ घंटों बाद आए दूसरे हमले को भी पूरी तरह निष्फल कर दिया।
Territorial Army: कैसे रोके गए ये हमले?

इन हमलों के दौरान भारतीय वायु सेना ने अत्याधुनिक C-UAS सिस्टम (Counter-Unmanned Aerial System), इजरायली HARPY ड्रोन और स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली की मदद से एक-एक पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन को या तो जाम कर दिया या नष्ट कर दिया।
रक्षा सूत्रों ने NDTV को बताया कि एक भी पाकिस्तानी मिसाइल या ड्रोन अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका — हर एक को रास्ते में ही रोक लिया गया।
भारत का जवाबी हमला: ऑपरेशन सिंदूर की ताकत
भारत ने सिर्फ रक्षा नहीं की, बल्कि आक्रामक कार्रवाई में भी स्पष्ट संदेश दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने 24 मिसाइलें दागीं — जिनमें शामिल थे SCALP लंबी दूरी की मिसाइलें और HAMMER स्मार्ट बम।
सिर्फ 25 मिनट में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा, ‘loitering munitions’ यानी मंडराते हुए विस्फोटक हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ, जो लक्ष्य की पुष्टि के बाद सटीक हमला करते हैं।
Territorial Army: पाकिस्तान की HQ-9 प्रणाली भी नष्ट

भारत के जवाबी हमले में लाहौर स्थित चीन-निर्मित HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को भी निष्क्रिय कर दिया गया।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि पाकिस्तान अब एक और संभावित हवाई हमले के लिए अत्यधिक संवेदनशील हो गया है।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली कितनी मजबूत?
भारत के पास वर्तमान में दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु रक्षा प्रणालियों में शामिल रूसी S-400 मिसाइल सिस्टम है।
भारत ने 2018 में रूस से 35,000 करोड़ रुपये में 5 S-400 यूनिट का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 3 यूनिट अब पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर पूरी तरह सक्रिय हैं।
इसके साथ ही भारत के पास स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली, ड्रोन रोधी तकनीक, और इजरायल-प्रेरित तकनीकी क्षमताएं हैं जो देश की हवाई सीमाओं को अभेद्य बनाती हैं।
निष्कर्ष: भारत सिर्फ रक्षा नहीं, अब नियंत्रण में है
Territorial Army: भारत ने जिस सटीकता और तीव्रता से इन हमलों को नाकाम किया और जवाबी कार्रवाई की, वह सिर्फ एक रणनीतिक जीत नहीं है, बल्कि एक वैश्विक संदेश है — “भारत अब केवल अपने आसमान की रक्षा नहीं करता, बल्कि उसे नियंत्रित करता है।”
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