Pre Marriage Investigation Trend: शादी से पहले जासूसी का ट्रेंड क्यों बढ़ रहा है? प्री-मैरिज इन्वेस्टिगेशन का सच!
“रिस्क नहीं लेने का रे बाबा!” – यही सोच आजकल शादियों में सबसे ज्यादा देखी जा रही है। आधुनिक समाज में जहां रिश्ते जल्दी बनते और टूटते हैं, वहीं अब शादी से पहले ‘सच’ जानने की जिज्ञासा भी उतनी ही तेज हो गई है। इसी के चलते देशभर में प्री-मैरिज जासूसी यानी विवाह से पहले निजी जांच का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
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कैसे शुरू हुआ ये Pre Marriage Investigation Trend?
इस ट्रेंड को हवा मिली राजा-सोनम रघुवंशी हत्याकांड और मेरठ की मुस्कान केस जैसी हाई-प्रोफाइल घटनाओं के बाद। इन मामलों ने समाज में डर का माहौल पैदा कर दिया, खासकर शादी के रिश्तों को लेकर। इसके बाद कई लोगों ने डेटेक्टिव एजेंसियों की मदद से अपने भावी जीवनसाथी की पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी।
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
- देश की कई प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों को हर महीने 70-80 प्री-मैरिज वेरिफिकेशन के केस मिल रहे हैं।
- इन एजेंसियों ने ₹25,000 से ₹1 लाख तक के खास पैकेज तैयार किए हैं।
- जांच केवल कॉलेज फ्रेंड्स और सोशल मीडिया तक सीमित नहीं होती, बल्कि रात में ऑनलाइन एक्टिविटी, पहनावा, बोलने का तरीका, यहां तक कि क्रिमिनल रिकॉर्ड और पूर्व प्रेम-संबंधों तक की जानकारी जुटाई जाती है।
- अकेले भोपाल में पिछले महीने 18 नए केस दर्ज हुए हैं।
जांच के दायरे में क्या-क्या आता है?

डिटेक्टिव एजेंसियाँ निम्नलिखित पहलुओं की बारीकी से जाँच करती हैं:
- सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और फॉलोअर्स
- पुराने रिश्ते और अफेयर्स
- शराब/ड्रग्स की लत
- परिवार का बैकग्राउंड
- आपराधिक रिकॉर्ड्स
- करियर और नौकरी की सच्चाई
- फाइनेंशियल स्टेटस और कर्ज
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समाज में इसके क्या प्रभाव हो रहे हैं?
- पॉजिटिव इम्पैक्ट:
इससे लोगों को सही जीवनसाथी चुनने में मदद मिल रही है और तलाक या घरेलू हिंसा जैसे मामलों की संभावना कम हो रही है। - नेगेटिव पहलू:
कुछ लोग इसे प्राइवेसी में दखल मानते हैं। विश्वास के बिना रिश्ता शुरू करना क्या टिक पाएगा? ये सवाल भी खड़े होते हैं।
Pre Marriage Investigation Trend पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

सोशल साइकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि आज के डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन इमेज के पीछे छुपे असली चेहरों को जानना चाहते हैं। ऐसे में प्री-मैरिज इन्वेस्टिगेशन एक नया ‘नॉर्म’ बनता जा रहा है।
निष्कर्ष
शादी अब सिर्फ दो दिलों का मामला नहीं रह गई, बल्कि यह एक जिम्मेदार फैसला बन चुका है जिसमें लोग हर पहलू को जानने की कोशिश कर रहे हैं।
“भरोसे से पहले सच की पड़ताल” — यही आज की सोच है।
क्या आप भी किसी की सच्चाई जानना चाहते हैं शादी से पहले? अब ये आम बात होती जा रही है, लेकिन ध्यान रखें – भरोसा भी उतना ही जरूरी है जितनी जांच।
आप इस Pre Marriage Investigation Trend के बारे में क्या सोचते है, हमें कमेंट में अपनी राय जरूर दें।
Indore से राज प्रजापति की रिपोर्ट!
Tricky Khabar मीडिया
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राज प्रजापति, TrickyKhabar.com के संस्थापक और CEO हैं। वे एक अनुभवी कंटेंट राइटर भी हैं, जो टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एंटरटेनमेंट और डिजिटल ट्रेंड्स पर रिसर्च-बेस्ड, सरल और यूज़र-फ्रेंडली लेख लिखते हैं। राज का मानना है कि खबरें तभी असरदार होती हैं जब वे सटीक, साफ़ और समझने लायक हों। पिछले 3+ वर्षों से वे SEO और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं।