नई दिल्ली: सोशल मीडिया की दुनिया में Meta की सबसे बड़ी गलती ने एक बार फिर यूज़र्स का भरोसा डगमगा दिया है। दरअसल, Facebook पर लाखों यूज़र्स द्वारा चलाए जा रहे हज़ारों Facebook Groups को Meta ने अचानक बैन कर दिया — और वजह? एक तकनीकी गड़बड़ी।
यूज़र्स और ग्रुप एडमिन्स को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई, सिर्फ एक ईमेल या नोटिफिकेशन में यह कह दिया गया कि ग्रुप “गंभीर पॉलिसी उल्लंघन” के चलते हटाया गया है — जबकि ज़्यादातर एडमिन्स का दावा है कि उनके ग्रुप्स में ऐसा कोई कंटेंट था ही नहीं।
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क्यों बैन हुए ये Facebook Groups?

Meta की तरफ से आई जानकारी के मुताबिक, यह सब AI सिस्टम की तकनीकी गलती थी। AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब फेसबुक पर ग्रुप्स और पोस्ट्स की निगरानी करता है। लेकिन इस बार उस सिस्टम ने बहुत बड़ी चूक कर दी।
कुछ आम कारण जो दिए गए:
- आतंकवाद से जुड़े कंटेंट
- अश्लील या वयस्क सामग्री
- हिंसा को बढ़ावा देने वाले पोस्ट
लेकिन सच्चाई यह है कि जिन Facebook Groups को हटाया गया, उनमें कई ग्रुप्स तो पालतू जानवरों, होम डेकोर, माता-पिता के लिए टिप्स, गेमिंग, और यहां तक कि पोकिमोन कार्ड कलेक्शन जैसे विषयों पर थे। इनमें कोई भी गलत कंटेंट नहीं था।
यूज़र्स और एडमिन्स में गुस्सा क्यों है?
इन Facebook Groups के एडमिन्स को Meta से न तो पहले कोई चेतावनी मिली और न ही अपील करने का स्पष्ट तरीका। कई यूज़र्स ने Reddit और X (पहले Twitter) पर Meta की आलोचना करते हुए अपने अनुभव साझा किए।
एक ग्रुप एडमिन ने कहा:
“हमने 7 साल से ग्रुप चलाया है, सब नियमों के अनुसार। एक सुबह उठे और ग्रुप गायब!”
क्या Meta ने माना गलती?
हां, Meta के प्रवक्ता Andy Stone ने TechCrunch को बताया कि ये एक टेक्निकल गड़बड़ी है और टीम इसे जल्दी सुधारने में लगी है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने ग्रुप्स इससे प्रभावित हुए और क्या सभी को वापस लाया जाएगा।
क्या सभी ग्रुप्स रिकवर हो पाएंगे?
कुछ एडमिन्स, जिनके पास Meta Verified सब्सक्रिप्शन है, उन्होंने Priority Support का उपयोग कर अपने ग्रुप्स को वापस पा लिया है। लेकिन लाखों छोटे Facebook Groups जिनके पास यह सुविधा नहीं है, वे अभी भी परेशान हैं।
Meta ने यह भी साफ नहीं किया कि जो Facebook Groups वापस नहीं आएंगे, उनके लिए कोई समाधान है या नहीं।
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क्या AI पर इतना निर्भर होना सही है?

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या AI आधारित मॉडरेशन सुरक्षित है?
जब इंसानी दिमाग की बजाय AI को यह तय करने दिया जाए कि क्या सही है और क्या नहीं — तो ऐसी गलतियां बार-बार हो सकती हैं।
इससे पहले Pinterest पर भी एक AI सिस्टम गलती से हजारों यूज़र्स को बैन कर चुका है।
अब आगे क्या?
इस पूरी स्थिति को देखते हुए ये बातें जरूरी हो जाती हैं:
- Meta को अपने मॉडरेशन सिस्टम में इंसानी हस्तक्षेप बढ़ाना चाहिए।
- यूज़र्स को पारदर्शी तरीके से बताना चाहिए कि गलती कहां हुई।
- ग्रुप्स की सुरक्षा के लिए नए अपील चैनल और सपोर्ट विकल्प देने चाहिए।
निष्कर्ष
Facebook Groups का ये ‘बैन’ विवाद एक अहम सीख है — जब बड़ी टेक कंपनियां पूरी तरह AI पर निर्भर हो जाती हैं और यूज़र्स को इंसानी सपोर्ट नहीं देतीं, तो भरोसा टूटता है।
Meta को इस गड़बड़ी को न सिर्फ तुरंत सुधारना चाहिए बल्कि यूज़र्स को भरोसा दिलाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी।
लेखक: Tricky Khabar डेस्क!
Source: Digit, TechCrunch
तारीख: 25 जून 2025
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Raj Prajapati is a Dynamic and results-driven Computer Science student & dedicated content writer at Trickykhabar, specializing in automobiles, entertainment, gadgets, and sports. With a keen eye for trending topics and a passion for detailed research.