IRCTC has Stopped the Refund Facility: IRCTC ने बंद कर दी ट्रेन देरी पर मिलने वाली रिफंड सुविधा, अब नहीं मिलेगा पैसा, रेलवे ने किया खुलासा
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने हाल ही में अपने यात्रियों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा को बंद करने की घोषणा की है। रेलवे के द्वारा यह जानकारी एक सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दी गई। भारतीय रेलवे के तहत काम करने वाली इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने इस जानकारी का खुलासा करते हुए बताया कि अब ट्रेन देरी होने पर टिकट रिफंड का दावा नहीं किया जा सकेगा। इसका सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो ट्रेन के देर से चलने के कारण अपने सफर को रद्द करने का विकल्प चुनते थे।
क्या है IRCTC की नई नीति?
अब से यात्रियों को केवल सरकारी ट्रेनों में ही देरी के लिए रिफंड की सुविधा मिल सकेगी। इस नीति के तहत, अगर कोई यात्री किसी निजी ट्रेन में यात्रा कर रहा है और वह ट्रेन देरी से चलती है, तो उसे रिफंड का दावा करने का कोई अधिकार नहीं रहेगा। निजी ट्रेनों की सेवाएं IRCTC द्वारा संचालित की जाती हैं, और रेलवे मंत्रालय के तहत इनकी निगरानी की जाती है। हालांकि, सरकारी ट्रेनों के लिए यह सुविधा जारी रहेगी।
भारतीय रेलवे और IRCTC का यह कदम उन यात्रियों के लिए बहुत मायने रखता है, जो पहले ट्रेन देरी पर रिफंड की उम्मीद करते थे। खासकर निजी ट्रेन सेवाओं में सफर करने वाले यात्री इस बदलाव से प्रभावित होंगे।
क्या था पुराना रिफंड सिस्टम?
IRCTC के अनुसार, पहले ट्रेन देरी पर रिफंड देने का एक स्पष्ट और निर्धारित प्रक्रिया थी। जब ट्रेन 1 घंटे से अधिक देर से चलती थी, तो यात्री को उसकी टिकट की पूरी राशि वापस मिलती थी। यही नहीं, अगर ट्रेन 2 घंटे से ज्यादा देरी करती थी, तो यात्रियों को अतिरिक्त क्षतिपूर्ति भी दी जाती थी। इसके अलावा, अगर कोई यात्री ट्रेन की देरी के कारण अपनी यात्रा रद्द करता था, तो उसे भी रिफंड मिल जाता था। इस सुविधा के तहत, यात्रियों को खाने और पानी की सुविधा भी दी जाती थी, खासकर जब ट्रेन की देरी अधिक होती थी।
लेकिन अब रेलवे ने यह कदम उठाते हुए निजी ट्रेनों में देरी के मामलों में रिफंड की सुविधा को समाप्त कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब कोई भी यात्री अगर निजी ट्रेन में यात्रा कर रहा है और ट्रेन लेट होती है, तो उसे किसी प्रकार का रिफंड नहीं मिलेगा।
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क्यों बंद की गई रिफंड की सुविधा?
इस फैसले का मुख्य कारण निजी ट्रेन सेवाओं का संचालन करने वाली कंपनियों के लिए रेलवे के द्वारा रिफंड की सुविधाएं प्रदान करने में होने वाली परेशानियां हैं। रेलवे के उच्च अधिकारियों का कहना है कि निजी कंपनियों के लिए यह व्यवस्था वित्तीय दृष्टिकोण से उचित नहीं थी, और इसलिए इसे समाप्त कर दिया गया।
इसके अलावा, IRCTC और रेलवे मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस निर्णय से रेलवे के संचालन में पारदर्शिता आएगी और निजी ट्रेनों में देरी की स्थिति में यात्रियों को अधिक परेशानियां नहीं होंगी। इसके साथ ही, रेलवे के द्वारा दी जा रही अन्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी फोकस किया जाएगा, ताकि यात्री बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकें।
आईआरसीटीसी द्वारा दी गई जानकारी
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, IRCTC ने 4 अक्टूबर, 2019 से लेकर 16 फरवरी, 2024 तक ट्रेन देरी के कारण यात्रियों को ₹26 लाख की क्षतिपूर्ति दी है। इसमें अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान ₹15.65 लाख का रिफंड शामिल है। हालांकि, 15 फरवरी, 2024 से पहले सभी रिफंड जारी किए जाएंगे, लेकिन उसके बाद निजी ट्रेनों में देरी होने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा।
यह नीति बदलाव खासकर उन यात्रियों के लिए बड़ा झटका है, जो निजी ट्रेनों में सफर करते थे और ट्रेन की देरी के कारण रिफंड का दावा करते थे। अब उन्हें इस सुविधा का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
क्या होंगे इसका प्रभाव?
इस बदलाव का सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो तेजस जैसी निजी ट्रेनों में सफर करते हैं। तेजस ट्रेनें भारतीय रेलवे की पहली निजी ट्रेन हैं जो बहुत ही आधुनिक और सुविधाजनक मानी जाती हैं। इन ट्रेनों में यात्रियों को आरामदायक सीटें, बुफे सेवा, और उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन अब जब इन ट्रेनों में देरी होती है, तो यात्रियों को कोई रिफंड नहीं मिलेगा, और यह उनके लिए एक बड़ा नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे द्वारा संचालित की जाने वाली अन्य निजी ट्रेनों जैसे कि तेजस एक्सप्रेस भी प्रभावित हो सकती हैं। इन ट्रेनों का संचालन IRCTC करता है और इनकी सेवाएं अच्छी मानी जाती हैं, लेकिन जब देरी होगी, तो यात्रियों को रिफंड का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
रेलवे के पास कितनी प्राइवेट ट्रेनें हैं?
IRCTC के तहत भारतीय रेलवे वर्तमान में दो प्रमुख निजी ट्रेनें चला रही है, जो तेजस एक्सप्रेस के नाम से जानी जाती हैं। एक ट्रेन नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलती है और इसे 4 अक्टूबर, 2019 को शुरू किया गया था। दूसरी ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलती है, जिसे 17 जनवरी, 2020 को शुरू किया गया था। इन ट्रेनों के संचालन के दौरान यात्रियों को काफी अच्छी सेवाएं मिलती हैं, लेकिन अब इन ट्रेन की देरी पर रिफंड की सुविधा बंद कर दी गई है।
रेलवे द्वारा दिया गया रिफंड: वर्षवार आंकड़े
- 2019-2020: ₹1.78 लाख का रिफंड दिया गया।
- 2020-2021: इस वर्ष कोई रिफंड नहीं दिया गया।
- 2021-2022: ₹96,000 का रिफंड यात्रियों को दिया गया।
- 2022-2023: ₹7.74 लाख का रिफंड दिया गया।
- 2023-2024: अब तक ₹15.65 लाख का रिफंड दिया गया।
इस आंकड़े से यह साफ़ है कि हर वर्ष यात्रियों को ट्रेन देरी के कारण रिफंड मिल रहा था, लेकिन अब से यह सुविधा सिर्फ सरकारी ट्रेनों तक सीमित रह जाएगी।
कितना रिफंड मिलेगा अब?

आईआरसीटीसी ने बताया कि अगर ट्रेन 1 से 2 घंटे लेट होती है तो यात्रियों को ₹100 की क्षतिपूर्ति दी जाती थी। अगर ट्रेन 2 से 4 घंटे तक लेट होती है, तो रिफंड की राशि ₹250 हो जाती थी। इसके अलावा, अगर कोई यात्री ट्रेन की देरी के कारण अपना टिकट रद्द करता है, तो उसे पूरी टिकट की राशि लौटा दी जाती थी। साथ ही, उन्हें पानी और खाने की सुविधा भी प्रदान की जाती थी। लेकिन अब इस सुविधा का लाभ केवल सरकारी ट्रेनों में ही मिलेगा।
निष्कर्ष
IRCTC has Stopped the Refund Facility: भारतीय रेलवे का यह कदम निश्चित रूप से उन यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव है जो पहले निजी ट्रेनों में देरी पर रिफंड की उम्मीद करते थे। हालांकि, सरकारी ट्रेनों के लिए यह सुविधा जारी रहेगी, लेकिन निजी ट्रेनों में अब देरी पर रिफंड का कोई दावा नहीं किया जा सकेगा।
यह बदलाव रेलवे की वित्तीय नीति और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से किया गया है। यात्रियों को इस बदलाव से परिचित होना होगा और अपनी यात्रा योजनाओं के अनुसार सही निर्णय लेना होगा।
FAQs: IRCTC has Stopped the Refund Facility
1. IRCTC ने ट्रेन देरी पर रिफंड की सुविधा क्यों बंद की?
IRCTC ने निजी ट्रेनों के लिए रिफंड की सुविधा बंद कर दी है, क्योंकि यह व्यवस्था वित्तीय दृष्टिकोण से रेलवे के लिए अनुकूल नहीं थी। अब केवल सरकारी ट्रेनों में देरी होने पर रिफंड मिलेगा।
2. अब ट्रेन देरी पर रिफंड के लिए कौन सी ट्रेनें पात्र हैं?
अब केवल सरकारी ट्रेनों के लिए देरी पर रिफंड की सुविधा उपलब्ध है। निजी ट्रेनों में देरी होने पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
3. ट्रेन कितने घंटे लेट होने पर रिफंड मिलेगा?
अगर ट्रेन 1 से 2 घंटे तक लेट होती है, तो ₹100 का रिफंड मिलेगा। 2 से 4 घंटे की देरी पर ₹250 का रिफंड मिलेगा। यदि यात्री टिकट रद्द कर देता है, तो उसे पूरी टिकट राशि का रिफंड मिलेगा।
4. आईआरसीटीसी द्वारा संचालित निजी ट्रेनें कौन सी हैं?
वर्तमान में, IRCTC द्वारा संचालित दो प्रमुख निजी ट्रेनें हैं – तेजस एक्सप्रेस, जो नई दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलती हैं।
5. रिफंड के लिए आवेदन कैसे करें?
रेलवे के द्वारा दी जाने वाली रिफंड सुविधा के लिए यात्री संबंधित रेलवे वेबसाइट या ऐप के माध्यम से रिफंड आवेदन कर सकते हैं। यदि टिकट सरकारी ट्रेनों का है, तो देरी के आधार पर रिफंड प्राप्त किया जा सकता है।

Abhay Singh TrickyKhabar.com के एक दक्ष और मल्टी-टैलेंटेड कंटेंट राइटर हैं, जो हेल्थ, गैजेट्स, शायरी और सरकारी योजनाओं जैसे विविध विषयों पर लिखते हैं। Abhay का फोकस हमेशा इस बात पर रहता है कि पाठकों को सरल, सटीक और उपयोगी जानकारी मिले — वो भी एक ऐसी भाषा में जो दिल से जुड़े।