इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर: प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट: इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर (Indore Pithampur Economic Corridor) के निर्माण का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPIDC) ने इसके लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) प्लान तैयार कर लिया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत 20.25 किमी लंबी सड़क विकसित की जाएगी, जिसके दोनों ओर 300-300 मीटर क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं को आकार दिया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल इंदौर बल्कि पूरे प्रदेश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी। इससे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और जीडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जाएगी।
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75 मीटर चौड़ी सड़क से बढ़ेगी कनेक्टिविटी

MPIDC, एयरपोर्ट के पीछे रिंजलाय से पीथमपुर तक 20.25 किमी लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित कर रही है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य इंदौर को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। इस परियोजना के अंतर्गत 75 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो इंदौर-अहमदाबाद हाईवे को क्रॉस करेगी। इसके साथ ही, सड़क के दोनों ओर 300-300 मीटर भूमि अधिग्रहित की जाएगी, जहां विभिन्न योजनाएं विकसित की जाएंगी।
प्रोजेक्ट का कुल आंकलन
विवरण | जानकारी |
---|---|
कुल लंबाई | 20.25 किमी |
कुल क्षेत्रफल | 1331.02 हेक्टेयर |
योजना की लागत | ₹2410 करोड़ |
अनुमानित निवेश | ₹10,000 करोड़ |
निर्माण अवधि | 03 वर्ष |
प्रत्यक्ष रोजगार | 5 लाख |
अप्रत्यक्ष रोजगार | 1 लाख |
इन गांवों पर पड़ेगा प्रभाव
इस परियोजना के निर्माण से कई गांव प्रभावित होंगे, जिनमें टीही, धन्नड़, भैसलाय, सोनवाय, डेहरी, बागोदा, मोकलाय, नरलाय, शिवखेड़ा, सिंदौड़ी, सिंदौड़ा, श्रीराम तलावली, नावदा पंथ, बिसनावदा, रिंजलाय, नैनोद व कोर्डियाबर्डी शामिल हैं।
रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट्स भी होंगे उपलब्ध
Indore Pithampur Economic Corridor के अंतर्गत केवल औद्योगिक गतिविधियों को ही नहीं, बल्कि रेजिडेंशियल और कमर्शियल ज़ोन को भी विकसित किया जाएगा। इसमें हाई-एंड इकोनॉमी के लिए नॉलेज और इनोवेशन आधारित इंडस्ट्रीज़ को जगह दी जाएगी। इसके अलावा, यहां विभिन्न प्रकार के सेक्टर्स को शामिल किया जाएगा, जैसे:
- फिनटेक सिटी: फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए विशेष क्षेत्र
- एयरो सिटी: हॉस्पिटैलिटी और एविएशन सेक्टर से संबंधित सुविधाएं
- ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर: रिसर्च और डेवलपमेंट से संबंधित उद्योगों के लिए
- आईटी हब: टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियों के लिए एक अलग क्षेत्र
इसके अलावा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्लॉट्स के साथ ही बड़े पैमाने पर रेजिडेंशियल प्लॉट्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें 20 मंजिल तक ऊंची इमारतें बनाई जाएंगी, जिससे यह क्षेत्र आधुनिक और उच्चस्तरीय बुनियादी ढांचे का केंद्र बन सकेगा।
कनेक्टिविटी और आर्थिक संभावनाएं

Indore Pithampur Economic Corridor की सबसे बड़ी खासियत इसकी एयरपोर्ट से निकटता होगी। यह कॉरिडोर एयरपोर्ट से मात्र 2 किमी दूर होगा, जिससे आने वाले समय में इंदौर में निवेश करने के इच्छुक उद्योगपतियों और कंपनियों की रुचि इस प्रोजेक्ट में बढ़ सकती है। इस कॉरिडोर के माध्यम से पीथमपुर और एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स और व्यापार को गति मिलेगी।
निष्कर्ष
Indore Pithampur Economic Corridor न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। इस परियोजना से औद्योगिक विकास, रोजगार वृद्धि और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के पूरा होने के बाद इंदौर और पीथमपुर देश के प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों में शामिल हो सकते हैं।
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