बजाज ऑटो ने अब KTM पर अपना नियंत्रण मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने KTM की फाइनेंशियल समस्याओं को दूर करने के लिए लगभग ₹7,764 करोड़ की फंडिंग योजना तैयार की है, जिससे वह ऑस्ट्रियन बाइक निर्माता पर अपना नियंत्रण बढ़ाएगी। बजाज की योजना है कि वह KTM की संचालनात्मक जिम्मेदारी सीधे तौर पर संभाले और इसकी वैश्विक रणनीति में सक्रिय भूमिका निभाए।
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KTM पर बजाज की नियंत्रण रणनीति क्या है?

बजाज ऑटो की नीदरलैंड स्थित सहायक कंपनी Bajaj Auto International Holdings BV अब KTM में संचालन स्तर पर भागीदारी करेगी। अभी तक बजाज सिर्फ एक शेयरहोल्डर के रूप में कार्यरत था, लेकिन अब वह ऑपरेशनल कंट्रोल भी हासिल करने जा रही है।
बजाज पहले से ही KTM की पैरेंट कंपनी में 37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है, जो कि Pierer Bajaj AG और Pierer Mobility AG के ज़रिए है। हालांकि, KTM AG, KTM Components GmbH और KTM F&E GmbH को नवंबर 2024 में वित्तीय संकट के चलते स्व-प्रशासित पुनर्गठन (self-administered restructuring) में जाना पड़ा था।
KTM के वित्तीय संकट और बजाज की बड़ी भूमिका
केटीएम पर आए इस वित्तीय संकट का समाधान निकालने के लिए बजाज ने ₹7,764 करोड़ की एक समर्पित फंडिंग योजना बनाई, जिसमें से एक हिस्सा पहले ही जारी किया जा चुका है।
फंडिंग स्ट्रक्चर पर एक नज़र

कॉम्पोनेंट | राशि (₹ करोड़ में) | विवरण |
---|---|---|
फेज़्ड कन्वर्टिबल डेब्ट | ₹1,941 | FY24 और FY25 की शुरुआत में जारी |
सिक्योर्ड टर्म लोन | ₹4,367 | KTM AG को दिए गए |
कन्वर्टिबल बॉन्ड्स (PBAG → PMAG → KTM AG) | ₹1,456 | सेटलमेंट और रिस्टार्ट कॉस्ट |
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इस फंडिंग के ज़रिए बजाज ने यह भी सुनिश्चित किया है कि केटीएम की ऋणदाताओं को मई 2025 तक 30% नकद भुगतान किया जा सके। यदि समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो ऑस्ट्रिया का कानून केटीएम को इनसॉल्वेंसी में डाल सकता है। इसी कारण बजाज ने फंड का हिस्सा एस्क्रो अकाउंट में पहले ही जमा कर दिया है।
Dabepo Holding का कर्ज भी बजाज ने लिया जिम्मे

केटीएम की फाइनेंशियल हालत को स्थिर रखने के लिए बजाज ने €80 मिलियन (करीब ₹720 करोड़) का कर्ज भी अपने ऊपर ले लिया, जो पहले Dabepo Holding GmbH से जुड़ा हुआ था। यह कर्ज Pierer Group के ज़रिए गारंटीड था और इसके फेल होने से पूरे रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर असर पड़ सकता था।
KTM के नए भविष्य की योजना
बजाज का अगला कदम है केटीएम के गवर्नेंस मॉडल में बदलाव, प्रोडक्शन को पुनर्जीवित करना, और बाजार में विश्वास बहाल करना। इसके साथ ही कंपनी निम्नलिखित योजनाएं भी बना रही है:
- जॉइंट डेवलपमेंट प्रोग्राम का विस्तार
- नई टेक्नोलॉजिकल कोलैबोरेशन
- वैश्विक विस्तार के लिए रणनीतिक पुनर्गठन
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बजाज-KTM गठजोड़: भारत के लिए क्या मतलब है?

केटीएम भारत में बजाज के साथ मिलकर निर्माण और निर्यात करती है, और इस जॉइंट वेंचर ने शानदार ग्रोथ दिखाई है। अब जबकि बजाज पूर्ण नियंत्रण में आ रहा है, इसका अर्थ है:
- भारत में और भी इनोवेटिव केटीएम मॉडल्स का आगमन
- बजाज-KTM के कोलैब से नई टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म्स का विकास
- भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बेहतर कीमतों पर वैश्विक गुणवत्ता की बाइक्स
निष्कर्ष
KTM के संचालन पर बजाज का नियंत्रण एक बड़ा कॉर्पोरेट टर्नअराउंड है। यह न सिर्फ यूरोप में एक प्रतिष्ठित मोटरसाइकिल ब्रांड को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि भारत को भी मोटरसाइकिल नवाचार का वैश्विक केंद्र बना सकता है। जैसे ही नियामकीय मंज़ूरी मिलती है, यह साझेदारी भारत से लेकर यूरोप तक दोपहिया उद्योग को नया आकार दे सकती है।
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Raj Prajapati is a Dynamic and results-driven Computer Science student & dedicated content writer at Trickykhabar, specializing in automobiles, entertainment, gadgets, and sports. With a keen eye for trending topics and a passion for detailed research.