E-Vehicle Policy Update
E-Vehicle Policy Update: अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की सोच रहे हैं, तो पहले नई पॉलिसी को जरूर जान लें। मध्य प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पर दी जाने वाली सब्सिडी और इन्सेंटिव को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब आम नागरिकों को ई-व्हीकल खरीदने पर कोई आर्थिक छूट नहीं मिलेगी।
पहले सरकार टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों पर ₹10,000 से ₹10 लाख तक की सब्सिडी दे रही थी, लेकिन वित्त विभाग की आपत्ति के बाद इस योजना को रद्द कर दिया गया है। अब नई पॉलिसी के तहत केवल टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट मिलेगी, और वह भी केवल एक साल के लिए।
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सरकार पहले EV खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी सब्सिडी दे रही थी, जिससे ई-मोबिलिटी को बढ़ावा मिले। हालांकि, वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताई, क्योंकि इससे सरकार के खजाने पर ₹3,000 करोड़ से ज्यादा का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ता। इस आर्थिक बोझ को कम करने के लिए सरकार ने नई पॉलिसी के तहत सब्सिडी और इन्सेंटिव पूरी तरह से समाप्त कर दिए हैं।
अब सरकार ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए दूसरी योजनाओं पर ध्यान दे रही है, जिससे वाहन निर्माता कंपनियों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी।
नई E-Vehicle Policy Update के तहत ई-व्हीकल खरीदने पर निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
सब्सिडी पूरी तरह से खत्म – अब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर पर कोई भी वित्तीय सहायता या छूट नहीं दी जाएगी।
टैक्स और रजिस्ट्रेशन पर छूट – EV खरीदारों को केवल टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यह लाभ सिर्फ एक साल के लिए होगा।
चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा – सरकार अब EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने पर ध्यान देगी और चार्जिंग स्टेशनों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगी।
टोल टैक्स पर 50% की छूट – EV वाहन चालकों को टोल टैक्स पर 50% की रियायत मिलेगी, जिससे लंबी दूरी की यात्रा थोड़ी सस्ती होगी।
1 साल तक पार्किंग में छूट – नई पॉलिसी के तहत EV मालिकों को एक साल तक पब्लिक पार्किंग में छूट दी जाएगी।
सब्सिडी खत्म होने के बाद भी EV खरीदने के कुछ फायदे बरकरार हैं:
✔ ईंधन की बचत – पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के मुकाबले EV चलाना काफी सस्ता है।
✔ लो मेंटेनेंस कॉस्ट – इलेक्ट्रिक वाहनों की देखभाल और मेंटेनेंस की लागत पारंपरिक वाहनों से कम होती है।
✔ पर्यावरण संरक्षण – इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण नहीं होता, जिससे पर्यावरण को नुकसान कम होता है।
✔ लॉन्ग टर्म सेविंग – भले ही शुरुआती कीमत ज्यादा हो, लेकिन लंबे समय में ई-व्हीकल पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में किफायती साबित होते हैं।
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नई E-Vehicle Policy Update के तहत टैक्स और रजिस्ट्रेशन पर मिलने वाली छूट सिर्फ एक साल तक उपलब्ध होगी। यानी, जो लोग पॉलिसी लागू होने के एक साल के भीतर EV खरीदेंगे, उन्हें ही इन रियायतों का लाभ मिलेगा।
इस फैसले का सीधा असर ई-व्हीकल सेक्टर पर देखने को मिलेगा। सब्सिडी खत्म होने से EV की बिक्री पर कुछ समय के लिए असर पड़ सकता है, क्योंकि पहले मिलने वाली वित्तीय सहायता अब नहीं रहेगी। हालांकि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और टैक्स में राहत देने से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
E-Vehicle Policy Update: अगर आप ई-व्हीकल खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह जान लें कि अब आपको सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, टैक्स, रजिस्ट्रेशन, टोल टैक्स और पार्किंग छूट जैसी सहूलियतें अभी भी हैं। इसलिए EV खरीदने का फैसला लेते समय इन सभी पहलुओं पर विचार करें।
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