MP News: मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: 37 करोड़ की लागत से बनेगा अत्याधुनिक डेटा सेंटर! मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी डेटा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 37.18 करोड़ रुपए के निवेश से एक आधुनिक डेटा सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह सेंटर साइबर अटैक, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य खतरों से सरकारी रिकॉर्ड्स की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना की डेडलाइन 27 जून 2029 तय की गई है।
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क्या होगा इस डेटा सेंटर का लाभ?

इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की मदद से सरकारी रिकॉर्ड्स, जैसे किसानों की भूमि रिकॉर्ड्स, कर्मचारियों की सर्विस बुक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज, किसी भी आपदा के बावजूद सुरक्षित रहेंगे।
प्रमुख फायदे:
साइबर अटैक से सुरक्षा: सरकारी कंप्यूटर सिस्टम को हैकिंग से बचाने में मदद मिलेगी।
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: बाढ़, भूकंप, तूफान जैसी आपदाओं में डेटा नष्ट नहीं होगा।
24×7 डेटा बैकअप: किसी भी सिस्टम फेलियर की स्थिति में रिकॉर्ड्स को तुरंत पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।
कर्मचारियों और किसानों के रिकॉर्ड की सुरक्षा: सभी सरकारी कागजात और सर्विस बुक्स पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी।
मध्य प्रदेश में डिजास्टर रिकवरी सेंटर की स्थापना

रेलटेल ने बताया कि 28 फरवरी 2025 को मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड से यह वर्क ऑर्डर मिला है। इसके तहत मध्य प्रदेश स्टेट डेटा सेंटर (SDC) का विस्तार कर डिजास्टर रिकवरी (DR) सेंटर की स्थापना की जाएगी।
परियोजना से जुड़ी मुख्य बातें:
कुल निवेश | ₹37.18 करोड़ |
डेडलाइन | 27 जून 2029 |
निगरानी एवं क्रियान्वयन | मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड |
क्या होता है डिजास्टर रिकवरी सेंटर (DRC)?
डिजास्टर रिकवरी सेंटर एक ऐसा हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर होता है जो आपदा और आपातकालीन स्थितियों में सरकारी डेटा को सुरक्षित रखता है।
DRC की भूमिका:
- सरकारी सिस्टम में हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर फेल होने की स्थिति में डेटा बैकअप प्रदान करना।
- साइबर अटैक, वायरस, या किसी भी तकनीकी समस्या के बाद रिकॉर्ड्स की पुनःप्राप्ति सुनिश्चित करना।
- सरकार की महत्वपूर्ण डिजिटल सेवाओं को किसी भी बाधा से बचाना।
सरकार का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डेटा सुरक्षा को लेकर उठाया गया यह कदम डिजिटल इंडिया पहल को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। इससे किसानों, सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी आपदा की स्थिति में सरकारी कार्यों में कोई रुकावट न आए।
निष्कर्ष
MP News: मध्य प्रदेश सरकार का यह नया डेटा सेंटर साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। सरकारी सिस्टम को किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए यह एक बेहद आवश्यक और दूरदर्शी पहल है। 2029 तक इसके पूरा होने से सरकारी सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति और डेटा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
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